काप सा रहा हु मै,पकड़ लो ना हाथ को,
दयालु है नाम तेरा,समझो ना बात को,
रूठी तकदीर है,तुझसे उम्मीद है...
कौन भला दुनिया मे,तेरे सिवा है मेरा,
हार गया..... बाबा अब ये लाल तेरा,
कोई भी नही तेरे बिन दुनिया मे मेरा।।
गोदी मे तुम,अपने बिठा लो,
चरणो मे तुम,थोड़ीसी जगह दो,
जाऊ तो मै,जाऊ अब कहा,
है फरेबी,सारा ये जहा।।
कौन भला दुनिया मे......
अगर डूब जाऊंगा,मेरा कुछ ना जाएगा,
जानती है सारी दुनिया,नाम तेरा आएगा,
छोड़ो रुसवाई, कर दो सुनवाई।।
कौन भला दुनिया मे.......
क्यों डर रहा है,
तेरी नाव मै चला रहा।
थोडासा शरारती हुं,
जानकर हिला रहा।
डूबें गी कैसे, मेरे ये रहते,
यू ही नही, मै हारे का साथी कहलाता
तू हार गया, तो हारेगा ये बाप तेरा
मेरे होते कभी कुछ बिगड़े ना तेरा।।
कौन भला दुनिया मे......