सारी दुनिया दे विच आज पै गया है शोर,
वेखो किना सोहना लगदा है गुफा उते मोर,
लगदा है मोर जीवे अरशा दा नूर है,
नाथ दिया रेहमता दा एवी भरपूर है,
पौणाहारी नाल भजि है ऐहडी भी डोर,
वेखो किना सोहना लगदा है गुफा उते मोर,
दियोट सिद्ध गुफा उते वखरा ज़माल है,
पेला पाउँदा मोर करि जांदा ओ कमाल है,
गुफा उते नूर आज दिसदा है होर,
वेखो किना सोहना लगदा है गुफा उते मोर,
पता नी की जोगी जी दे मन विच आई है,
रवि हरिपुरिये न लीला जो दिखाई है,
कहे प्रवेश चढ़ी नाम वाली डोर,
वेखो किना सोहना लगदा है गुफा उते मोर,