तर्ज - मस्त जवानी तेरी मुझको पागल कर गई रे
आंधी चले तूफान चले बाबा मेरे साथ
जब ये साथ है तो डरने की क्या बात
तूफानों से लड़ना हमने सीख लिया है
जिंदगी में हमने जीना सीख लिया है
सवेरा फिर से होगा चाहे जितनी काली रात
जब ये साथ है तो डरने की क्या बात
राहे भरे कांटों में मैं नाम ये लेता
लाल तेरे संग में हु एहसास ये देता
कुछ भी नहीं छिपे बाबा तुमसे ये हालत
जब ये साथ है तो डरने की क्या बात
हर पल बाबा तूने मुझे काम दिया है
हाथ को मेरे बाबा श्याम ने थाम लिया है
हमको तेरा प्यार मिले लक्की की अरदास
जब ये साथ है तो डरने की क्या बात
Lyrics - lucky Shukla