सारे दुःख मिटा लो बाबा जी नु दस दस के,
मेले दियां खुशियां मना लो भगतो नच नच के
चेत महीने जोगी दर मेला लगेया,
हर पसे रोनका पंडाल सोहना सजेया,
रज रज दर्शन पा लो गुफा च बैठे योगी वस् के,
मेले दियां खुशियां मना लो भगतो नच नच के
बाबा तिरलोक सिंह हर साल आउंदे ने,
हर साल मेले उते संगत ले आउंदे ने,
सुखपाल सेवा मंदिर दी करदा वेखो किवे हस हस के,
मेले दियां खुशियां मना लो भगतो नच नच के
तोड़ दिया ताला नाले ताल नु मिला देयो,
विक्की गावे महिमा ओहदे नाल नल गा लवो ,
जोर नाल बजाओ जरा ताड़ियाँ हथा नु उते चक चक के,
मेले दियां खुशियां मना लो भगतो नच नच के