मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा,
रुका हु मैं अकेले में,
साई बोले तू शिरडी में आजा फसा है क्यों झमेले में,
मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा
साहिल खड़े है दर पे एहने कुछ दे कर ताल दो,
जो इनसे बच सके मेरी झोली में डाल दो,
मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा
आप के दर का मुझको उतारा मिले,
तेरा दीदार ही अगर दोबारा मिले,
मौत को भी गले से लगा लूंगा मैं,
खुद मिटू गा मगर तुझको पा लूंगा मैं,
मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा
आसमा की तरफ जब इशारा हुआ,
वो शहंशा बना जो तुम्हारा हुआ,
साई के नाम का भजन गाता रहु,
जब तलक सांस है आता जाता रहु,
मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा
तेरे चरणों में तन मन को अरपन करे,
छोड़ कर सारे हिंसा समपर्ण करे,
पांच और छे है ग्यारा तो छप्पन हुआ,
कर रहा है ये हमसर सभी की दुआ,
मेरी किस्मत का खोलो दरवाजा