तर्ज- ऐ मेरे वतन के लोगो
हे श्याम हमें ये वर दो,निस दिन तेरा गन गाये,
हर साँझ सवेरे बाबा,तेरे नाम का दिप जलाये
छोटा सा एक मंदिर हो,घर के आंगन में तेरा
प्यारी सी एक मूरत हो जिसमे हो तेरा बसेरा
परिवार का बच्चा बच्चा श्रद्धा से शीश झुकावे
हर साँझ सवेरे बाबा......
सुख दुःख आते जाते हे, माया के खेल हे सारे
इन सबसे ऊपर उठ कर अपनों से मेल हे प्यारे
माया के इस चक्कर में,हम तुमको नहीं भुलाए
हर साँझ सवेरे बाबा.......
दिल में चाहत हो तेरी, स्वासो में नाम हो तेरा
तेरा दर अपनी मंजिल हो,हाथो से काम हो तेरा
तेरी यादो में ये अंखिया,सावन भादो बन जाये
हर साँझ सवेरे बाबा.........
हम तेरे बने दीवाने,ये भाव हृदय में भर दो
बिन्नू की ये अर्जी हे,इतनी सी दया प्रभु कर दो
हमें प्रीत की रीत सीखा दो,चाहे जग पागल बतलाये
हर साँझ सवेरे बाबा..................