सावन की बरसे बदरिया, माँ की भीगी चुनरिया ll
भीगी चुनरिया माँ की, भीगी चुनरिया ll
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,
लाल चोला मईया का, चम चम चमके
माथे की बिंदिया भी, दम दम दमके ll
हाथों में झलके मुंदरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,
छाई हरियाली झूमे, अम्बुआ की डाली
हो के मतवाली कुके, कोयलिया काली ll
बादल में कड़के बिजूरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
उँचा भवन तेरा, उँचा है डेरा
कैसे चढ़ूँ पावों, फिसले है मेरा ll
टेढ़ी-मेढ़ी है डगरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
काली घटा पानी, भर भर के लाई
झूला झूले, वैष्णो माई ll
चँचल पे माँ की नज़रिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर-अनिल रामूर्ति भोपाल