चले है बाला जीवन में झीका बजाये,
कुटियाँ से निकले राम की आहट पाये
नैनो में काजल कानो में बड़े कुण्डल गालो में मुश् ढाहड़ी हाथ में कमंडल,
हुआ समना तो प्रभु हेरत में आये,
चले है बाला जीवन में झीका बजाये
देखत है राम टुकर टुकर मुश्कुरा के हनुमत के हिरदये में वो खुद को ही पा के,
असल रूप में हनुमत वेचारे आये,
चले है बाला जीवन में झीका बजाये
गिर पड़े है बाला जी प्रभु चरण पाये,
राम जी उठाये फिर गले से लगाये,
ऐसी बरसे आँखे जैसे सावन गिर आये ,
चले है बाला जीवन में झीका बजाये