सांवरा है तो मुमकिन हैं
हर रात दिवाली है मेरी होली हर एक दिन है
हो सांवरे तू है तो मुमकिन है
जब जब तेरी चौखट कोई सर आकर झुक जाए
उस प्रेमी की खातिर वक़्त का पहिया रुक जाए
मरते हुए प्रेमी को भी मिल जाता जीवन है
ओ सांवरे तू है तो मुमकिन है
तूफानों में नाव चले पतझड़ में फूल भी खिल जाएँ
बीच भवर में डोल रही नैया को किनारा मिल जाये
तुझ जैसा गर मांझी हो तो मुझको क्या ग़म है
ओ सांवरे तू है तो मुमकिन है
चाहे जैसी कठिन घडी तेरी कृपा से टल जाए
तेरी राह पे चलके बाबा हर एक मंज़िल मिल जाए
तेरे होते रोमी को ना रहती उलझन है
ओ सांवरे तू है तो मुमकिन है