बरसात हो रही है बरसात हो रही है,
शिव की किरपा की हम पे बरसात हो रही है,
कण कण में महेश्वर अब्बास हो रहा है,
भोले नाथ की दया का एहसास हो रहा है,
दिन रात हो रही है शिव की किरपा की हमपे बरसात हो रही है,
मेरे रोम रोम में शिव भक्ति समा रही है,
मेरी धड़कनो से हर पल आवाज आ रही है,
मुलाक़ात हो रही है,शिव की किरपा की हम पे बरसात हो रही है,
कुलदीप अपनी मंजिल देविंदर पा रहा है,
जब से कैलाश पति का गुण गान गा रहा है,
भली भाँती हो रही शिव की किरपा की हम पे बरसात हो रही है,