मेरे साई रे आई फेरा पाई रे,
राहो की आज तुरना सिखाई रे,
एहनी जिंदगी दी तोरी संग संग मैं,
तू ही दसे जदो अखा करा बंद मैं,
साई तेरे ना बितावा पल पल मैं,
साई राम तो बेगैर ता बेरंग मैं,
कदे भगता नु दिलो न भुलाई वे,
राह औखिया च तुरना सिखाई वे,
मेरे साई रे आई फेरा पाई रे
सारे जग दा ही मंगा सैयां सुख मैं,
हस खेड़ के बिटवा हर रुत मैं,
सैयां हार गया तहनु पूछ पूछ मैं,
और किहने तू हंडोरे दसो दुःख मैं
झोली सूखा नाल मेरी भर जाए वे,
राह औखिया च तुरना सिखाई वे,
मेरे साई रे आई फेरा पाई रे
थक रहा थक ाखा गइयाँ मेरियाँ,
नहीं मुकियाँ उडीका सैयां तेरियां,
तेज चलन हवावा भी बथेरियाँ गला भगता ने तेरियां ही छेड़ियाँ,
पल दो पल सादे नाल बिताई वे,
राह औखिया च तुरना सिखाई वे,
मेरे साई रे आई फेरा पाई रे
अश्वनी भी तेरे गीत गाउँदा है भगता नु भी पुनीत सुनन्दा है,
आप नचे नाल सब नु नचाउंदा है साई समया च रोका गाउँदा है,
मैनु सुर नाल ताल भी दे जाए रे,
राह औखिया च तुरना सिखाई वे,
मेरे साई रे आई फेरा पाई रे