मैं तो तुम्हारा दास हु साई,
नैया पार करो,
अपने सारे हुए बेगाने,
भौतिक सुख के बने दीवाने,
ये दुनिया मुझे रास न आई,
तू उधार करो,
नैया पार करो,
शिरडी के तुम हो राजा साई,
त्रेता युग के कृष्ण कनाही,
सतयुग के तुम राम हो साई,
नैया पार करो,
साई साई रटते रटते,
भकत तुम्हारे कभी न थक ते,
नाम से तेरे आराम है साई,
नैया पार करो,