ओ श्याम प्यारे मेरी बांह फड़ लै,
मैनू पार करन दी हामी भर ले....
अपने श्याम दे दर उत्ते वेखे अजब नजारे मैं,
भव सागर विच डुबदे जांदे लखा पापी तारे ने,
जे तेरी किरपा हो जाये श्यामा, पल विच पार हो जावा,
ओ श्याम.........
चारो कनी किच्चड भरे किस तरह मैं धोवा,
साबन थोडा मेल गनीरी बैठ किनारे रोवा,
जे तेरी किरपा हो जाये श्यामा, पल विच उसदी हो जावा
ओ श्याम.........
अपने श्याम दे लई मैं हिरदये पलक बनावा,
पलका दी मैं सहज विशा के फुला नाल सजावा,
जे तेरी किरपा हो जाये श्यामा, दिल दा हाल सुनावा,
ओ श्याम.........