म्हारे घर को मालिक तू है कोई फ़िक्र नहीं माहने,
तू जाने तेरो काम जाने
मह पर थारी मर्जी चाले,
थारी डोर हिलाई हारे,
माहरी नस नस पहचाने,
तू जाने तेरो काम जाने
कोई उलझन जब आ जावे,
कदे नहीं तू देर लगावे,
झट ता जावे सलटाने,
तू जाने तेरो काम जाने
तेरो भरोसे माहने भारी,
खिल रही माहरी फुलवारी,
घणो अचम्बो दुनिया ने,
तू जाने तेरो काम जाने
रजनी तेरी प्रेम दीवानी ,
विण्णु कहवे शीश का दानी,
भुला ना जावे तू माहने
तू जाने तेरो काम जाने