रूठे मत न राधा बंसी बाजेगी जरूर,
बंसी भाजेगी तो श्याम राधा नाचेगी जरूर ,
कब से यमुना तट पे बैठी तेरे इंतज़ार में ,
राधा पागल बन के बोली श्याम तेरे प्यार में ,
तेरे बिन मैं जी न पाउ जाइये न दूर,
मन मेरा ना लागे ओ राधा होया मैं भी मजबूर,
बंसी भाजेगी तो श्याम राधा नाचेगी जरूर ,
मौसम है सुहाना पुरवा ठंडी ठंडी चाल रही,
आजा मेरे पास राधा दूर खड़ी क्यों हाल रही,
अपने गोर रंग पे राधा करिये न गरूर,
बंसी भाजेगी तो श्याम राधा नाचेगी जरूर ,
तेरी खातिर दौड़ी आई मैंने जलना छोड़ दे,
मेरी पायल तेरी बंसी दोनों का दिल जोड़ दे ,
सदन खटाना भजन बनावे सरे भरपूर,
बंसी भाजेगी तो श्याम राधा नाचेगी जरूर ,