श्याम बंसी तेरी पागल बनाये मुझे,
तेरे ही रंग रंगली है चुनरी मैं न किसी की मानी,
देखु जिदर तू ही नजर आये मैं हुई दीवानी,
पल पल यादो में खाबों ख्यालो में आके सताये मुझे,
श्याम बंसी तेरी पागल बनाये मुझे
कहने लगे मोहन की जोगन ये जग वाले हुई राधा है,
खोई खोई मैं रहने लगी हु तेरे बिना जीवन ye आधा है,
कैसे जताऊ कैसे बताऊ कोई दूजा न भाये मुझे,
श्याम बंसी तेरी पागल बनाये मुझे
मुरली में बन गई कहता है ये दिल हर दम राहु तेरे साथ में,
याह तू जाए मुझे ले जाये अपने नन्हे से हाथ में,
शाम सवेरे मोहन मेरे दिल में वसाया मुझे,
श्याम बंसी तेरी पागल बनाये मुझे