तूने मुरली काहे बजाई

तूने मुरली काहे बजाई कि निंदिया टूट गई,
तूने ऐसी तान सुनाई कि मटकी छूट गई,
तूने मुरली काहे बजाई.....

यमुना के तट पर सारी सखिया आई थी,
राधा के संग में आकर रास रचाई थी,
तूने काहे डगरिया चलाई कि मटकी टूट गई,
तूने मुरली काहे बजाई.....

मुरली कि धुन सुनकर के गौएँ आती थी,
ग्वाल बाल सब आते संगी साथी भी,
तेरी मुरली ओ हरजाई चैन मेरा लूट गई,
तूने मुरली काहे बजाई.....

राधा कि सौतन है ये मुरली तुम्हारी भी,
सांवली सूरत लगती सबको प्यारी भी,
‘राजू’ से प्रीत लगा के चैन सब लूट गई,
तूने मुरली काहे बजाई.......

श्रेणी
download bhajan lyrics (570 downloads)