आए शरण तिहारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
विनती हमारी,
सुनलो विनती हमारी.......
अपने चरण की सेवा दीजे
अपनों चाकर मोहे कर लीजे
अपनों चाकर मोहे कर लीजे
है अरदास हमारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण........
ब्रज वासिन की झूठन पाऊं
महलन की परसादी पाऊं
महलन की परसादी पाऊं
कृपा करो बनवारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण........
भजन ना ज्ञान ना जप तप कोई
पतित अधम मोसम ना कोई
पतित अधम मोसम ना कोई
पकड़ो बांह हमारी
बिहारी विनती सुनलो हमारी
आए शरण..........