जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार,
मुँह का न फेरो आस न तोड़ो,
बेडा लगा दो मेरा पार पार ,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
मैं भी तेरे दर की भिखारन करती हु हर दिन साई सिमरन,
तेरी बड़ी है सर्कार सर्कार,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
एक कहे दूजे ने मानी,गुरु नानक कहे दोनों ग्यानी,
हमसर कहे ये बार बार बार,
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार
सब के हाथ में फूल की माला,कितना भोला शिरडी वाला,
चाहु मैं औ हर बार बार
जोगन खड़ी तुम्हरे द्वार साई जी सुनो जोगन खड़ी है तुम्हरे द्वार