तर्ज: यशोमति मैया से बोले नंदलाला
मेरे श्याम मुझको तो, जग ने रुलाया ।
मिला न सहारा कोई, तेरे द्वार आया ।।
तर्ज: यशोमति मैया से बोले नंदलाला
खाटू की महिमा तो, जग से निराली-2
खाली हाथ लौटे नही, आये जो सवाली ,।
तीन बाण धारी तेरा, नाम जग में छाया,
तेरे द्वार आया
दुनिया तो नही बात, सुनती हमारी -2
तुम्ही श्याम सुन लो न, विनती हमारी ।
किस्मत का मारा बड़ी, आस लेके आया ।
तेरे द्वार आया ।
दुनिया के रिश्ते सभी, यार मतलब के -2
हारे का सहारा दु:ख, दूर करे सबके ।।
अपना बना लो मुझे, करो न पराया ।
तेरे द्वार आया ।
चरण से लगा लो बाबा, प्रीत करो मुझसे -2
तेरा द्वार छुटे ना तो, दूर रहूँ तुझसे ।।
विष्णु तेरा चरण चाकर, गुण तेरे गाया ।
तेरे द्वार आया ।
लेखक: विष्णु कुमार सोनी, कानपुर