जिस दिन साढ़े नाल रूस जाएगी तू माँ,
अस्सी फेर की करांगे
सानु दर ते न अपने बुलाएगी तू माँ,
अस्सी फेर की करांगे
मन्या अस्सी पापी गुनहगार बड़े हाँ,
अस्सी कमजोर ते लाचार बड़े हाँ ।
साड़ियाँ तू भुल्ला न बख्शाएंगी नी माँ,
अस्सी फेर की....
होंनगिया माए कदो आसा पूरियाँ,
पै न जान साढ़े राह दूरिया ।
सानु हजे वि तू चरणी न लगाएगी माँ,
अस्सी फेर की...
कई बार माए तेनु आवाजा मारिया,
खुलिया मैं राखियां माँ बूहे बारियां ।
साढ़े वल हुन्न वी न फेरा तू पायेगी नी माँ,
अस्सी फेर की करांगे..