हे गण नायक विधन विनाश्यक वरन विनायक भप्पा मोरे,
सुख करता दुःख हरता जग के भरता मोरेया,
तुम पे हमारी निर्भरता अर्ज सुनो न मोरेया,
आये शरण तुम्हारी हम दुखयारी कष्टों से करदो रिहा,
मोरेया मोरेया मोरेया,
आशाये रूठी मनन्तो की टूटी डोर है,
सब की उमीदो वाली नज़रे तेरी और है,
इक तेरा ही भरोसा इक तेरा ही सहारा,
धार में नाइयाँ पार लगा दो बनके माहरे खेवइयाँ,
मोरेया मोरेया मोरेया,
हम रस्ता देखे पूरा वर्ष ही दर्श ही दर्शन पाने को,
और तुम आते हो चार दिन में चले जाने को,
इस बार न जाने देंगे तुम को न खोने देंगे,
वर दो हमे या प्राण ये हर लो या फिर भरदो झोलियाँ,
मोरेया मोरेया मोरेया,