समज ले बात मलेगी हाथ चुनरियाँ रह जायेगी कोरी,
गोरी आयो फागुन मॉस खेल तू रसियां से होली,
तू है गोरी रंग रंगीली रंग रंगीली छैलछबीली,
मलु तेरे गालन पे रोली,
गोरी आयो फागुन मॉस खेल तू रसियां से होली,
फागुन बार्स दिन में आवे चुक जाए तो फिर पछतावे,
करे जो रसियां बर जोरी गोरी आयो फागुन मॉस खेल तू रसियां से होली,
सुन गोरी बरसाने वाली तेरे द्वार खड़े बनवारी,
आज बन बैठी क्यों भोली,
गोरी आयो फागुन मॉस खेल तू रसियां से होली,