मां ज्योतावाली का सुमिरन होगा,
पावन हिर्दय का कण कण होगा,
प्यारा प्यारा सुंदर अपना जीवन होगा,
रोशन हिर्दय का कण कण होगा.....
हिर्दय के सिंहासन पर मैया को बैठाएंगे,
श्रद्धा के फूल मां की चरणों में चढ़ाएंगे,
पूजन में अर्पण ये तन मन होगा,
रोशन हिर्दय का कण कण होगा.....
माता तो फिर माता है ओ ममता बरसाएगी,
गोद में बिठायेगी और खूब दूलरायेगी
करुणा लुटाता मां का दामन होगा
रोशन हिर्दय का कण कण होगा.....
भारी करिश्मा है मेरी मैया की दुहाई में,
खुशियां नाचेंगी हरदम नीरस अंगनाई में,
पल- पल परम प्रिय पावन होगा,
रोशन हिर्दय का कण कण होगा.....