तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे,
मुझको अपने दिल में रखना तुम भी मेरे दिल में रहना,
यही मेरी अरदास रे,
तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे,
बचपन में जब माँ की गोद में चीख चीख कर रोता था,
तेरी गोद में रख ते सिर बड़े चैन से सोता था,
यही कहानी मेरी मैया मुझे कहे दिन रात रे,
तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे,
ये तन मन जीवन धन सब कुछ कर दियां तुझपर अरपन मैं,
दिखने लगी है तेरी सूरत मेरे मन के दर्पण पे,
मेरी सांसे अपने गले का बना ले रखना हार रे,
तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे,
संजीव बोले सेठ संवारा कभी ये लागी छूटे न,
रूठे वैरी दुनिया रूठे मुझसे कभी तू रूठे न,
हर जन्म अपने चरणों का बना के रखना दास रे ,
तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे,