बाज रहे है ढोल नगाड़े आये गणपति राजा है,
गोरा माँ के लाल है प्यारे देवो के महाराजा है,
जय हो जय हो जय हो जय हो मेरे गणपति जी देवा,
मोदक का तुम्हे भोग लगे और खाते मेवा,
भक्तो के दुःख हरने को हर साल ये घर में आते है,
एक दंत ये दिया वां आकर खुशिया वरसाते है,
रिद्धि सीधी संग में इनके और लक्ष्मी माता है,
शुभ और लाभ के मालिक है और सब के भाग्यविद्याता है,
जय हो जय हो जय हो जय हो मेरे गणपति जी देवा,
वकर कुंड हे महाकाल हे सूर्ये कोटि हे समै प्रभा,
निर्विध्नं कुर मेह देवो सर्वकार्येषु सर्वदा,
अश्कविनायक महागणपति ये भुधि के दाता है ,
भर देते है झोली उसकी जो भी सन्मुख आता है,
सच्चे मन से करलो पूजा ये भंडारे भर देंगे,
अपने भक्तो के जीवन में ये खुशाली कर देंगे,
जय हो जय हो जय हो जय हो मेरे गणपति जी देवा,
तीनो लोक में सब से पहले गणपति पूजे जाते है,
सब से पहले शुभ कार्य में गणपति को मनाते है,
काम सफल हो जाता है जो गणपति घर में आते है,
सुख समृद्धि दे जाते है संकट सभी मिटाते है,
जय हो जय हो जय हो जय हो मेरे गणपति जी देवा,