पलका बिछाया खड़्या हां मावड़ी,
दर्शन दे देयो थी माने इक बार मावड़ी,
पलका बिछाया खड़्या हां मावड़ी
झुंझुनू में थारो धाम बनो दादी लागे प्यारो प्यारो,
थारी महिमा जान के दादी द्यावो ये जग सारो,
बेडा पार लगावे भगता ता मावड़ी,
पलका बिछाया खड़्या हां मावड़ी
ये हो माहरे कुल की देवी थारी महिमा न्यारी,
नजर दया की रख दो दाती बस या अर्ज हमारी,
थारा सेवक करे है अरदास मावड़ी,
पलका बिछाया खड़्या हां मावड़ी
फस्या हां बीच भवर में दादी सूजे नहीं किनारो,
संकट की घड़ियाँ में दीजियो दादी आज सहरो,
थारी बेटी करे है पुकार मावड़ी,
पलका बिछाया खड़्या हां मावड़ी