नैन खोल देख मैया भक्त की पुकार है,
दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है,
सिंह की सवारी तेरी शान निराली है,
गले मुंड माल तू ही काली मतवाली है,
ग्यानी और ध्यान तेरो पायो नहीं पार है,
दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है,
तू ही नव दुर्गा है चंडिका विशाल है,
शारदा भवानी तू ही करे प्रति पाल है ,
क्रोध के माये थारो दरबार है,
दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है,
पांडवो की तुमने लाज बचाई थी,
याद कर जब जब दौड़ी दौड़ी आई थी,
जो ही अपार थारो भगतो से प्यार है ,
दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है,
सुंभ और निशुम्भ मैया तुम्हने ही बिगाड़े है,
महिषासुर से मैया देतय पछाड़े है,
देर न लगाओ मैया दिल बेकरार है,
दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है,