जादू तेरा सब पे चला होगा यही पर आज फेंसला,
ये घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा श्याम,
तेरे दर्श को अखियां भी तरसी,
सुने जीवन में जल गई थी बाती,
मुझको भरोसा था इक दिन तू आये गा,
प्यासी प्यासी नैनो की प्यास तू भुजाये गा,
वो घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा श्याम,
मुझपे जो गुजारी जग क्या जाने,
मैं जानू और या तू जाने,
सपनो में होती थी रोज मुलाकाते,
हकीकत में हो गई है आज अपनी बाते,
वो घड़ी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा श्याम,
हम सब भी तेरे दर पे आये,
आ कर तेरे शीश झुकाये,
हमने सूना है तू हारे का सहारा है,
संजू ये तेरा पागल दीवाना है,
ये घडी आ गई आ गई रे श्याम,
तुझको तो घर मेरे आना पड़ा श्याम,