साई साई बोल सदा साई साई बोल

साई साई बोल सदा साई साई बोल
यु ही ना बिठाये ये जन्म अनमोल,
साई तेरे है रखवाले क्यों है मन तेरा डवा डोल,
साई साई बोल सदा साई साई बोल.

छोटी सी है ये जिंदगानी क्यों करता बंदे नादानी,
सूंदर काया ख़ाक बने गी फिर तुझको होगी हैरानी,
हीरा जन्म ये पाया तूने माटी में मत रोल,
साई साई बोल सदा साई साई बोल.

ना जग तेरा न जग मेरा ये जग चिड़ियाँ रेहन वसेरा,
धन दौलत की चाह को छोडो अंत में  श्मशान है डेरा,
पल पल बीती जाए उमरियाँ अब भी अँखियाँ खोल,
साई साई बोल सदा साई साई बोल.

क्यों झूठे मोह चाल में उजला विच कांटो की वेला है,
खोया तू जिन रंगलियो में चंद दिन का ये मेला है,
मन की पावन गंगा में मत पापो का विष गोल,
साई साई बोल सदा साई साई बोल.

केवल अब भी होश तू करले क्यों ग़फ़लत में सोता है,
आगे की कुछ सोच रे पगले पाप की गठरी धोता है,
दीपक इक दिन खुल जायेगी पापी की सब पोल.,
साई साई बोल सदा साई साई बोल.
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