ओह पीरा दे पीर नानका,
नानक शाह फ़कीर बीदर च तेरी आह है लोकि,
कहन्दे नानक जीरा,
शीश जुकावे दुःख टल जावे बदल जान तकदीर,
ओह पीरा दे पीर नानका,
सच्चे पातशाह वाहेगुरु बड़ी धन्य आप की वाणी,
इको रब दे बंदे सारे दुनिया आणि जानी ,
बदली तकदीर नानका ओह पीरा दे पीर नानका,
इत्र सी निरचल धरती जिथे जल सी ओह भी खारा,
सतगुरु दे जदो चरण पाए बेह गई अमृत धारा,
बदली तकदीर नानका ओह पीरा दे पीर नानका,