जब से देखा तुम जाने क्या हो गया,
ओ शिरडी वाले बाबा मैं तेरा हो गया,
तू दाता है तेरा पुजारी हूँ मैं,
तेरे दर का ए बाबा भिखारी हूँ मैं,
तेरी चौखट पे दिल है मेरा खो गया,
ओ शिरडी वाले बाबा मैं तेरा हो गया,
जब से मुझको ए श्याम तेरी भक्ति मिली,
मेरे मुरझाए मन में हैं कालिया खिली,
जो ना सोचा कभी था वाही हो गया,
ओ शिरडी वाले बाबा मैं तेरा हो गया,
तेरे दरबार की वाह अजब शान है,
जो भी देखे वो ही तुझपे कुर्बान है,
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ओ शिरडी वाले बाबा मैं तेरा हो गया,
मैंने जब से शिरडी का दर्शन किया
तेरे चरणो में तन मन यह अर्पण किया,
इक दफा तेरी नगरी में जो भी गया,
ओ शिरडी वाले बाबा मैं तेरा हो गया,