दुनिया में दातार बहुत है दिख ला दे दातारि ,
छोटा मोटा माल कमा कर बन बैठे व्यपारी,
सेठो का सेठ खाटू वाला अपना तो सेठ मुरली वाला,
खाटू में दरबार लगा बैठा है सरकार वहा,
श्याम धनि जैसा जग में और कोई दातार कहा,
सारी दुनिया से वो निराला अपना तो सेठ मुरली वाला,
जो भी दर पर जाते है सब झोली फैलाते है
रोते रोते जाते है हस्ते हस्ते आते है,
सब की झोली में उस ने डाला,
अपना तो सेठ मुरली वाला,
जब से नाम लिया उसका तब से मुझको देख रहा,
बैठा बैठा मांगू मैं बैठा बैठा भेज रहा,
किस्मत का खोला मेरा ताला,
अपना तो सेठ मुरली वाला,
दो हाथो से मांगू मैं सो हाथो से देता है,
थोड़ा थोड़ा मनागु मैं वो लाखो में देता,
वनवारी सेठ है दिलावा,
अपना तो सेठ मुरली वाला,