इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे साँवरिया

इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....
इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....

क्या होते हैं आंसू,क्या पीड़ा होती है,
क्यूँ दर्द उठता है,क्यूँ आँखे रोती है,
इक बार आंसू तो बहा कर देखो साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....

जब कोई सुनेगा ना तेरे मन के दुखड़े,
जब ताने सुन सुन कर होंगे दिल के टुकड़े,
इक बार जरा तुम ताने सुनकर देखो साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....

क्या जानोगे मोहन तुम प्रेम की भाषा,
क्या होती है आशा,क्या होती निराशा,
इक बार जरा तुम प्रेम करके देखो साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....

पनघट पे मधुबन में वो इन्तजार करना,
कहे श्याम तेरे खातिर वो घुट घुट के मरना,
इक बार किसी का इन्तजार कर देखो साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....

इक बार तो राधा बनकर देखो मेरे साँवरिया,
राधा यूं रो रो कहे....
राधा यूं रो रो कहे....
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