सारे भगतो के बिगड़े बनाता है काम,
है हारे का सहारा मेरा खाटू का श्याम,
जब जमाने ने मुझको ठुकरा दियां,
तब मेरे श्याम ने मुझको सहारा दियां,
जिसको चाहे उसी को बना ले गुलाम,
है हारे का सहारा मेरा खाटू का श्याम,
है विश्वाश जिसको तेरे नाम पर,
श्याम बर देता उसका खुशियों से घर,
नाम लेना न भूलो सुबहो हो शाम,
है हारे का सहारा मेरा खाटू का श्याम,
तेरे दर्शन को व्याकुल नैन वनवारे,
हर ग्यारस को खाटू भुला सँवारे,
तू ही मंजिल मेरी तू ही मेरा मुकाम,
है हारे का सहारा मेरा खाटू का श्याम,