तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी,
मेरी नाव भवर में आ उल्जी,
इस पार लगा दो साई जी,
तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी
सारे जग की मैं ठुकराई हु,
तेरी शरण में साई आई हु,
मुझ दुखिया पे किरपा करदो,
चरणों में जगह दो साई जी,
तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी
मेरे साई मैं तेरी दासी हु,
तेरे दर्शन की अभिलाषी हु,
दर्शन देकर मेरे नैनं की ज़रा प्यास भुजा दो साई जी,
तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी
ना सोना चांदी धन मांगू,
मांगू तो एक रत्न मांगू,
मेरी बगियाँ अब तक सुनी है,
एक बार खिला दो साई जी
तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी
तुम सब पे किरपा करते हो सबकी झोली भर देते हो,
मुझे अबला पर भी एक नजर रेहमत की उठा दो साई जी,
तेरे दर पे दुखियाँ आन पड़ी,
मेरी बिगड़ी बना दो साई जी