मन मंदिर है दवारकामाई,
जिसमे रहते है बाबा साई,
साई साई तू बोल मन मंदिर तो खोल,
तुझे मिल जायेगे राम साई
तन है तेरा शिरडी गाउ साई सत्संग है नीम की छाओ,
प्रेम सबसे करो साई ध्यान धरो साई बाबा की है सौगात,
एक हाथ है शरधा सबुरी दूजा तेरा हाथ,
मन मंदिर है दवारकामाई,
जिसमे रहते है बाबा साई,
साई तेरे हज़ारो हाथ तू न मने कोई जाट पात,
हिन्दू हो या मुस्लमान साई रखते सबका मान,
साई की फकीरी है श्याम,
वही राम रेहमान भक्तो तुम लो ये जान,
मन मंदिर है दवारकामाई,
जिसमे रहते है बाबा साई,