जुड़ जाने दो सतगुरु साई मन से मन के तार,
अपनी किरपा के पारस से तुम,
छू लो बस इक बात मेरे साई,
जुड़ जाने दो सतगुरु मन से मन के तार,
हम अज्ञानी तुम ग्यानी हो तुम हो अन्तर्यामी,
क्या बताये हाल दिलो का घट घट के तुम स्वामी,
अर्ज हमारी टाल ना कर लेना स्वीकार,
जुड़ जाने दो सतगुरु साई मन से मन के तार
अनंत कोटि भरंमांड नायक हम पे मेहर करो जी,
हम भी आये शरण तिहारी इक नजर देखो जी मेरी साई,
भूल न देखो दोश न देखो बक्शो बक्शन हार,
जुड़ जाने दो सतगुरु साई मन से मन के तार
नाम तुम्हारे हम ने अपना तन मन है लिख डाला,
दिल की दड़कन जप्ती निश दिन साई नाम की माला मेरे साई,
अंतर मन में आन विराजो साहिल ही सरकार,
जुड़ जाने दो सतगुरु साई मन से मन के तार