सोचता हु के हम कितने मजबूर थे,
क्या से क्या हो गये देखते देखते,
श्याम प्यारे ने बस युही सोगात दी,
गम जुदा हो गये देखते देखते,
देख कर मेरी हालत पे दुनिया हसे,
गैर अपने हुए देखते देखते,
श्याम सुंदर ने यु हाथ पकड़ा तेरा,
और सब रह गए देखते देखते,
सोचता हु के हम कितने मजबूर थे,
तूने ऐसा करिश्मा दिखा ही दिया,
ऐसा जादू किया देखते देखते,
तेरी चोकठ पे आ कर ये सिर रख दियां,
झोलिय भर गई देखते देखते,
सोचता हु के हम कितने मजबूर थे,
मेरी राहो में कांटे ही कांटे बिशे ,
फूल वो बन गए देखते देखते,
मेरे अरमान पुरे किये श्याम ने,
जिन्दगी बन गई देखते देखते,