चल चलना है चल तेरी इक ही मंजिल,
तेरा इक ही माझी तेरा इक ही मौला,
तेरा इक ही मालिक तेरा इक मसीहा,
राह में चाहे आंधी आये चाहे हो अँधेरा,
मन में साई धारण करले हो जाएगा सवेरा,
थम जाएगा चढ़ता तूफ़ान मिल जाएगा साहिल,
चल चलना है चल तेरी इक ही मंजिल
राह में कितने मोड़ मिलेंगे राह में कितनी कलियाँ ,
इन से बच कर चुनते जइयो साई यार की गलियां,
साई दया के बल पर सारे छट जायेगे बादल,
चल चलना है चल तेरी इक ही मंजिल
दुनिया एक छलावा बन कर भटकाए गे तुझको,
चमक धमक से अध् रस्ते में लटकाये गे तुझको,
चिंता क्या जब थाम लियो है तूने साई अंचल,
चल चलना है चल तेरी इक ही मंजिल