दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ,
मुझसे हो न जुदा मेरा भगवान माँ,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ,
मैं दिन रात तुमसे यही मांगती,
साया सिर पे रहे मेरे सरताज का,
और इस के सिवा कुछ नहीं मांगती,
बस यही इक दिल में है अरमान माँ,
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
कोई मंदिर सजे न बिना मूर्ति ,
बिन खवैया के नैया है किस काम की,
इस बगियाँ का माली सलामत रहे,
माला जप्ती रहु मैं तेरे नाम की,
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
मेरे जीवन का मालिक है जो देवता,
उम्र मेरी भी उस को लगा देना माँ,
उनकी सांसो में सांसे ये घुलती रहे,
दिल से मुझको यही बस दुआ देना माँ,
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,