रंग मत डाले रे साँवरिया, म्हाने गुजर मारे रे,
रंग मत डाले रे...
सांस बुरी छे म्हारी ननद हठीली
हो परणायो बईमान बालम पीछे पगड़े रंग मत डाले रे
हो हो रंग मत डाले रे साँवरिया...
जुलम कर डाल्यों सितम कर डाल्यों...
काले ने...काले ने...काले ने कर दियो लाल, जुलम कर डाल्यों
कोई डाले नीलो पीलो, कोई डाले हरो गुलाबी
कान्हा ने...कान्हा ने...कान्हा ने डाल्यों लाल, जुलम कर डाल्यों
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से...
तुम झोली भरलो रे भक्तो, रंग और गुलाल से
हो लाएंगे वो संग अपनी ग्वाल पाल की टोली
में भी रंग अबीर मलूंगी, और माथे पर रोली
बच बचके रहना उनकी टेडी मेडी चाल से
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से...
श्याम पिया की बजे बाँसुरिया, और ग्वालो के मजीरे
शंख बजाये ललिता नाचे राधा धीरे धीरे....!!
गाएंगे फाग मिलके हम भी सुर ताल से...
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से....!!