मेरे बांके बिहारी लाल मने थारी याद सतावे है
हूचकया न रुके गोपाल मने थारी याद सतावे है
बांकी सी लटक गई मन में अटकते,
कदसी दर्श दिखलावेगा लागि चटक गई,
अखियां बटक म्हाने थे ही धीर बँधाओगे,
मेरी विनती सुन लो जी नन्द लाल,
मने थारी याद सतावे है
जीवन धन मिलने की लग्न है,
मत न जिव दुखावो जी,
निल गगन सो थारे बदन म्हाने,
दर्शन श्याम कराओ जी ,
थाने निवत जिमायु थाल,
मने थारी याद सतावे है
हरे बांस की बांसुरियां गुंजी,
जिव मेरो बरमायो,
धेनु चरैया रास रचैया दिन दिन दर्द सवायो,
थारे गल वैजयंती माल म्हारे थारी याद सतावे है,