मुरली बजाने वाले, गिरिवर उठाने वाले,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा
ढूंढ लिया जग सारा मैंने , दर्श न तेरा पाया
जब मन को एकाग्र किया तो, तू दिल बीच समाया
भवतार करने वाले, बांके बिहारी हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा...
तेरी माया ने प्रभु मुझको जग में खूभ नचाया
दीनबंधु भवतारण प्रभु जी, नाम तुम्हारा गाया
सर्वत्र रहने वाले, श्री राधा रमन हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा...
रचना : पूज्य कृष्ण चन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) महाराज
स्वर : पूज्य इन्द्रेश जी महाराज