श्रद्धा से बुला कर देखो दौड़ा आएगा,
ये तीन बाण का धारी रुक नहीं पायेगा,
है भाव का भूखा बाबा ना मांगे भोग चढ़ावा,
दुसासन को ठुकराया घर साग विदुर के घर खाया,
मन के सच्चे भावो को ना ठुकराएगा,
ये तीन बाण का धारी रुक नहीं पायेगा,
जब नरसी जी ने पुकारा उन्हें जा कर दियां सहारा,
घनश्याम बताइए बन के नरसी के पहुंचे घर पे,
आँखों में किसी के आंसू देख न पायेगा,
श्रद्धा से बुला कर देखो दौड़ा आएगा,
मीरा ने पिया विष पायला उसको अमृत कर डाला,
जब गज ने इन्हे पुकारा मृत्यु से उसे उभारा,
कहे राज अनाड़ी सब की बिगड़ी बनाएगा
श्रद्धा से बुला कर देखो दौड़ा आएगा,