हुआ दूर गम उसको आराम आया,
के बन्दा जो भी खाटू धाम आया,
खाटू का धाम भी क्या हसी धाम है,
जिस जगह शीश दानी मेरा श्याम है,
जो आ पौंचा उस ने ही इनाम पाया,
के बन्दा जो भी खाटू धाम आया,
फूल जैसे चमन में कई खिल गए,
प्यार से देख लो दोनों लव मिल गए,
भगत के होठो पर जब है श्याम आया ,
के बन्दा जो भी खाटू धाम आया,
श्याम बाबा की मुझपे हुई जब नजर,
झूमता मैं भी जा पौंचा खाटू नगर,
खाटू से मेरे नाम जब ये पैगाम आया,
के बन्दा जो भी खाटू धाम आया,