चित्रकूट के घाट घाट पर शभरी देखे बाट राम मेरे आ जाओ,
मन में है विश्वाश इक दिन पूरी होगी आस राम मेरे आ जाओ,
अपने राम जी को कहा मैं बिठाऊ,
टूटी फूटी खाट खाट पर बिछा पुराना टाट,
राम मेरे आ जाओ,चित्रकूट के घाट घाट
अपने राम जी को क्या मैं खिलाऊ,
अपने राघव जी को क्या मैं खिलाऊ,
छोटे छोटे पेड़ पेड़ पे लगे है मीठे वेर,
राम मेरे आ जाओ,चित्रकूट के घाट घाट
अपने राम जी को क्या मैं पिलाऊ,
अरे कपिला गाये के दूध दूध पे पड़ी मिलाई खूब,
राम मेरे आ जाओ,चित्रकूट के घाट घाट
अपने राम जी को कैसे मैं जुलाऊ,
छोटी डाली आम की झूला झूले मेरे राम
राम मेरे आ जाओ,चित्रकूट के घाट घाट
अपने राम जी को कैसे मैं रिजाऊ ,
दीं हीं ही दास दविंदर भगति का कोई न ज्ञान
राम मेरे आ जाओ,चित्रकूट के घाट घाट