तेरे मन में राम

(राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट।
अंत काल पछतायेगा जब, प्राण जायेंगे छूट)

श्री राम, जय राम, जय जय राम ॥

तेरे मन में राम, तन में राम ll,
रोम रोम में, राम रे,
राम सुमिर ले, ध्यान लगा ले,
छोड़ जगत के, काम रे l

श्री राम, जय राम, जय जय राम ॥
तेरे मन में राम,,,,,,,,,,

माया में तूँ, उलझा उलझा,
दर दर, धूल उडाए,
अब क्यों करता, मन भारी,
जब माया, साथ छुडाए,,,,, llश्री रामll

दिन तो बीता, दौड़ धूप में ll,
ढल जाए ना, शाम रे,
राम सुमिर ले, ध्यान लगाले,
छोड़ जगत के, काम रे l

श्री राम, जय राम, जय जय राम ॥
तेरे मन में राम,,,,,,,,,,

तन के भीतर पांच लुटेरे,
डाल रहें हैं डेरा,
काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह ने,
तुझ को कैसा घेरा,,,,,,,, llश्री रामll

भूल गया तू, राम रटन ll,
भूला पूजा का, काम रे,
राम सुमिर ले, ध्यान लगाले,
छोड़ जगत के, काम रे l
श्री राम, जय राम, जय जय राम ॥
तेरे मन में राम,,,,,,,,,,

बचपन बीता, खेल खेल में,
भरी जवानी सोया,
देख बुढापा, अब क्यों सोचे,
क्या पाया, क्या खोया,,,,,,,, llश्री रामll

देर नहीं है, अब भी बन्दे ll,
ले ले उस का, नाम रे,
राम सुमिर ले, ध्यान लगाले,
छोड़ जगत के, काम रे l
श्री राम, जय राम, जय जय राम ॥
तेरे मन में राम,,,,,,,,,,
अपलोड कर्ता- अनिल भोपाल बाघीओ वाले
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