तेरी शरण में आया हु श्याम,
सुन कर जहां में मैं तेरा नाम,
तूने कितनो की बिगड़ी बनाई करदो मेरा भी काम,
श्याम जो बिगड़ी बात मेरी होगा तू बदनाम,
तेरी शरण में आया हु श्याम
जग रुसवाई तेरे दर पे ले आई,
दर हो दयालु पकड़ो कलाही,
तुम हो नाथ दया के सागर अपने नाम को करो उजागर,
देदो दया का दान,
श्याम जो बिगड़ी बात मेरी तो होगा तू बदनाम,
तेरी शरण में आया हु श्याम
करके सम्प्रपन दवार पे आया,
सारे जहां से हार के आया,
मैं दीपक हु तुम हो बाती हारे के तुम हो साथी,
तो रखो ना उनकी शान
श्याम जो बिगड़ी बात मेरी तो होगा तू बदनाम,
तेरी शरण में आया हु श्याम
मैंने सुना है सारे जहां से,
खाली गया न कोई यहाँ से,
अगर बात जो मेरी बन जाए तो सोनू भी ये गाये कोई तुमसे नहीं है श्याम,
श्याम जो बिगड़ी बात मेरी तो होगा तू बदनाम,
तेरी शरण में आया हु श्याम