जिसका मुझे था इंतज़ार, जिसके लिए दिल था बेक़रार
वो घड़ी आ गई-आ गई, आज मैया के दर पे मुझे जाना है
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है
वर्षों से मुझको आस लगी थी, तेरे दरश की प्यास जगी थी
होओओओ... आ न पाया मैया मैं तेरे दरबार में
भूला हुआ था मैं पापी संसार में
वो घड़ी आ गई- आ गई, आज बादल दुखों के ये छट जाना है
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है...
माँ मेरी इच्छा पूरण कर दो, खुशियों से मेरी भी झोली भर दो
तुम अपना जलवा मुझे भी दिखाओ माँ
चरणों का सेवक मुझे भी बनाओ माँ
वो घड़ी आ गई-आ गई, भव सिन्धु से मुझको तर जाना है
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है
गीतकार : मनोज कुमार खरे